लेकिन फ्रायड ने चरकात की सम्मोहन विद्या की भूरी भूरी प्रशंशा की जिसमे इस स्नायु विज्ञानी ने यह दिखलाया कि किस प्रकार मनो-वैज्ञानिक कारण, नॉन-ओरगेनिक ट्रौमाज़ “ हिस्तेरिकल पेरेलिसिस ” की वजह बनतें हैं.
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लेकिन फ्रायड ने चरकात की सम्मोहन विद्या की भूरी भूरी प्रशंशा की जिसमे इस स्नायु विज्ञानी ने यह दिखलाया कि किस प्रकार मनो-वैज्ञानिक कारण, नॉन-ओरगेनिक ट्रौमाज़“हिस्तेरिकल पेरेलिसिस ”की वजह बनतें हैं.हिप्नोसिस (सम्मोहन विद्या)से चार्कोट ने इसे सिम्युलेट करके दिखलादिया ।